अंबाला : कोरोना से बचाव ही सही, लेकिन पर्यावरण भी अब अच्छा हो गया है। सुबह सवेरे खुली हवा के लिए पार्क में जाने की भी जरूरत नहीं, बल्कि घर के आंगन में ही राहत की सांस मिल रही है। ऐसा 22 मार्च से हो गया है। जहां सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थमी तो धूल भी न के बराबर रह गई है। जबकि इस साल की शुरूआत खराब गुणवता वाली हवा के साथ हुआ था। हालांकि इस साल का सबसे अच्छा दिन 7 मार्च रहा है, जिसमें हवा की गुणवता 54 रही है। 1 जनवरी 2020 को हवा की गुणवता 269 थी, जिसे खराब गुणवता माना जाता है और जो बढ़कर 13 जनवरी को 291 पर पहुंच गई थी।
जनता कर्फ्यू पर मध्यम से संतोषजनक हुई गुणवता
कोरोना के बचाव से पहले हवा की गुणवता मध्यम ही थी, इसके बाद जनता कर्फ्यू लगाया गया। उसकी दिन से हवा की हवा बेशक अच्छी न हुई हो लेकिन इसमें सुधार होकर संतोषजनक हो गई। पिछले कुछ आंकड़ों पर नजर मारे तो जिसमें 19 मार्च को 122, 20 मार्च को 126, 21 मार्च को 128, 22 मार्च को 87, 23 मार्च को 70 और 24 मार्च को 93 तक हवा में गुणवता रही।
सड़कों के किनारे मिट्टी और खटारा वाहन बिगाड़ते हैं पर्यावरण
सड़कों के किनारे मिट्टी भी प्रदूषण फैला रही है। जैसे ही वाहन सड़क से गुजरते हैं या फिर सड़क पर जगह न मिलने की स्थिति में बर्म से गुजर जाते हैं। उनसे मिट्टी हवा में उड़ने लगती है। बाकी कसर खटारा वाहन भी पूरी कर देते हैं। जिनकी जांच न होने पर बेहद धुआं फेंकते हैं। ऐसा हाल निजी वाहनों का ही नहीं, बल्कि रोडवेज तक की बसें भी धुआं छोड़ रही हैं। वाहनों की बढ़ती संख्या खासकर बस स्टैंड या जहां वाहनों का जाम लगा रहता है। वाहनों का धुआं से हवा की गुणवता खराब कर देता है।
पिछले साल बेहद खराब रही थी हवा की गुणवता
पिछले साल के कुछ आंकड़ों पर नजर डाले तो साल के नौ दिन बेहद खराब थे। जिनमें एक दिन तो रहने ही लायक नहीं था। जिसमें लोगों का दम घुटता रहा। पिछले साल 25 अक्टूबर तक हवा की गुणवता काफी हद तक सही थी। लेकिन 26 अक्टूबर को 300 पर पहुंच गई। जो आगे के दिनों में भी बढ़ती रही थी। 27 को 343, 28 को 385, 29 को 353, 30 को 356, 31 को 367, 1 नवंबर को 350, 2 को 376, 3 नवंबर को 403 साल की सबसे अधिक रही थी। 4 को 321, 5 को इसमें गिरावट आई थी जो 245 पर गिरी थी।
ऐसी होनी चाहिए हवा की गुणवता 0 से 50 बहुत अच्छा
51 से 100 संतोषजनक
101 से 200 मध्यम
201 से 300 खराब
301 से 400 बहुत खराब
401 से 500 कठोर